A brief note on the topic
भगवद्गीता, ज्ञानेश्वरी
और दैनंदिन
जीवन योग
वेद उपनिषदोका सार श्रीमदभगवद्गीता युगोयुगोसे भारतीय जीवन
का आधार है I गीता, और ज्ञानेश्वरी जैसे उसके
प्राकृत और विस्तृत रूप हमारे दैनंदिन जीवन मे हमे योग मार्ग पर चलने के लिये
मार्गदीप है. मन का अभ्यास, संयम, भक्ती, स्वधर्म के
अनुसार जीवन व्यवस्थापन, श्रद्धा, लोकसंग्रह,
इत्यादी अनेक बाते हमे उससे मिलती है I निस्संदेह प्रखर ज्ञान मे
जब निर्लेप सौंदर्य, माधुर्य और संगीत आ जाये, तभी गीता का जीवन योग
हो जाता है I
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